किसान महापंचायत करने की जरुरत क्यों पड़ी
जैसा की आप लोग जानते है की पिछले नौ दस महीनो से भारत के किसान सरकार की किसान विरोध नीतियों के खिलाफ ( तीन कृषि कानून ) दिल्ली धरने पर बैठे है और इस धरने के दौरान सात सौ से ऊपर व्यक्तियों ने शहीदी पा ली है.
Political impact of Muzaffarnagar Mahapanchayat !! |
महापंचायत की तैयारिया किसान नेताओ के द्वारा
राष्ट्रिय किसान नेता चौधरी नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर के साथ लगते हुए जिलो में गाँव स्तर से ग्राम सभाये कर रहे है और किसानो को महापंचायत में चलने के लिए प्रेरित कर रहे है .
नरेश और राकेश टिकैत भाइयो की क्या होगी भूमिका महापंचायत में
चौधरी नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर के साथ लगे हुए जिलो के अन्दर जा रहे है और लोगो को किसान महापंचायत में चलने के लिए प्रेरित कर रहे है और किसोली पथराव कांड के दौरान आमने सामने दोनों खापो को भी दो दिन पहले एक जगह प्लेट फार्म पर इकठ्ठा किया गया उसमे में नरेश टिकैत ने अहम् भूमिका निभाई और उसके छोटे भाई राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर के उपर आन्दोलन में तो सक्रीय है ही और धीरे - धीरे बहुत सारी पंचायते और मीटिंग्स कर रहे है राकेश टिकैत का कहना है की देश के हर जिले से चाहे दस आदमी आये आदमी मुजफ्फर नगर महापंचायत मे जरुर आयेंगे और राकेश टिकैत ने मिडिया कर्मियों के सामने बयान दिया है की इस पंचायत के सफल होने के बाद ऐसी पंचायते हर एक देश अस्तर पर की जाएँगी .
क्या है प्रशासन की तैयारी
इस महापंचायत के मध्यनजर ट्राफिक जाम न हो इसके लिए प्रशासन ने सक्रीय व्यवस्था बनाली है आईजी मेरठ
और आईजी सहारनपुर मेरठ और सहारन पुर जोन की पुलिस इस पंचायत के मध्यनजर मुजफ्फरनगर में आ चुकी है .
सुरक्षा के द्रस्तीकोण से
यह पुलिस की बहुत भारी जुम्मेदारी होगी क्योकि इतनी भारी भीड़ को केसे व्यवस्तित करेंगे इस विषय में पुलिस अधिकारियो का यह कहना है की कुछ दिन पहले हम लोगो को एक नोटिस मिला था की मुजफ्फरनगर में किसनोकी महापंचायत है जिसमे पंजाब और हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान इकठ्ठा होंगे और इस मध्यनजर लोगो के उपर महापंचायत का असर न हो और किसी को जानमाल की हानि न हो इसी .इए इसमें खाफी सक्रीय व्यवस्था की गई है .
मुजफ्फरनगर महापंचायत का क्या पड़ेगा राजनीति पार्टियों पर प्रभाव
मुजफ्फरनगर महापंचायत का असर जो है बीजेपी पार्टी के नेताओ के उपर दिखना शुरू हुआ सुरेश खन्ना चीनी उद्योग एवं गन्ना विकाश मंत्री का आज बयान आया है चीनी और गन्ने के रेट पर बढोतरी करने के लिए प्रसताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है और हम लोगो ने 2017 के बाद बहुत भरी भगतान किया प्रणित पार्टियों से बहुत ज्यादा और हम किसानो के बिजली कनेक्शन बकाया होने के बावजूद भी नही काटे जायेंगे ऐसी कुछ बाते सुरेश खन्ना ने कही जिससे नजर आ रहा है की सरकार भी महापंचायत के पेसन में है .
क्या हो सकता है उत्तर प्रदेश के बोर्ड बैंक पर असर
वेसे तो स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत ने बहुत ज्यादा महापंचायते करके सरकार को घुटनों बल लाया था लेकिन राजनितिक रूप से उन्होंने कभी इस बात का इस्तेमाल नही किया अब इसका असर लय होगा आने वाला समय ही बताएगा लेकिन अभी कि खाबर यह है की सरकार की पूरी नजर इस महापंचायत के उपर है और सरकार इसके लिए कोई भी बदलाव या कोई रहत दे सकती क्योकि आन्दोलन काफी बड़ा रूप लेता जा रहा है .
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